शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

पत्रकार कमाल खान का निधन


आज की चिल्लाने,धमकाने,चीख-पुकार भरी और चाटुकारितायुक्त पत्रकारिता के दौर में शान्त, मीठे व सहज अंदाज़ में जनता से जुड़े मुद्दों को मुख्य खबर बनाकर प्रस्तुत कर वास्तविक व श्रेष्ठ पत्रकारिता करने वाले पत्रकार कमाल खान अब हमारे बीच नहीं रहे। एनडीटीवी के वरिष्ठ व लोकप्रिय पत्रकार कमाल खान का निधन हो गया है। एनडीटीवी के साथ वे लम्बे समय से जुड़े थे। ऐसा लगता है कि शनै: शनै: पत्रकारिता का स्वर्णम युग व वास्तविक पत्रकार एक-एक करके विदा होते जा रहे हैं। लोकतन्त्र के इस चौथे स्तंभ का क्या भविष्य होगा यह तो समय के गर्भ में है लेकिन मेरे देखे एक ज़माना था जब पत्रकारिता में संबंधों (रिलेशनसिप) का दौर हुआ करता था। पत्रकारों व नेताओं के बीच आत्मीय संबंध हुआ करते थे जो उनके पेशे में कभी आड़े नहीं आते थे, पत्रकार अपने चहेते नेता से भी कटु से कटु सवाल पूछने से नहीं झिझकते थे और नेता भी तमतमाते हुए जवाब देने के बाद सबकुछ हंसकर भूल जाया करते थे, फ़िर आया मीडिया मैनेजमेंट का दौर जहां ज़ाहिरात (एडवरटाइज़मेन्ट) के माध्यम से मीडिया संस्थानों का राजस्व बढ़ाकर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से नियन्त्रित किया जाने लगा यहां से पत्रकारिता जगत एक पायदान नीचे की ओर सरकना प्रारम्भ हुआ। वर्तमान दौर है पत्रकारिता दमन का (मीडिया डामीनेशन) का जहां येन-केन-प्रकारेण साम-दाम-दण्ड-भेद का प्रयोग करके मीडिया को चारण बनाया जा रहा है ये पत्रकारिता का सर्वाधिक बुरा और निम्न-स्तरीय दौर है। ऐसे प्रतिकूल दौर में कमाल खान जैसे पत्रकार ने धारा के विपरीत चलते हुए लोकतन्त्र के इस चौथे स्तंभ को जिस प्रकार ध्वस्त होने से बचाने का जो भगीरथी प्रयास किया वह निश्चय ही स्तुत्य और प्रशंसनीय है। अब कमाल खान हमारे बीच नहीं है लेकिन एक पत्रकार के तौर पर उनके द्वारा कायम की श्रेष्ठ पत्रकारिता की मिसाल सदैव इस जगत में अक्षुण्ण रहेगी।
अलविदा कमाल खान.....

!! ऊं शान्ति !!
-सम्पादक "सरल चेतना"