दैनिक राशिफल कितना सच...!
आप सभी ने न्यूज़ चैनलों व समाचार पत्रों में नित्य प्रसारित व प्रकाशित होते दैनिक राशिफल को तो अवश्य देखा व सुना होगा। आजकल अधिकांश व्यक्ति प्रात:काल समाचार पत्र में सर्वप्रथम दैनिक राशिफल वाले स्तंभ में अपनी राशि का फलित देखकर अपने दिन का पूर्वानुमान लगाने में उत्सुक रहते हैं और सांझ ढ़लते ही महसूस करते हैं कि उनकी राशि का जो फ़लित दैनिक राशिफल में बताया गया था वह तो असत्य निकला। इसके बाद वे ज्योतिष शास्त्र को कोसने लगते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। आज हम अपने पाठकों को दैनिक राशिफल से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण व प्रामाणिक जानकारियां देने जा रहे हैं। हम अपने पाठकों को बताना चाहते हैं कि आजकल जिस प्रकार दैनिक राशिफल बताया जाता है वह पूर्णत: भ्रामक व अप्रामाणिक होता है। उसका कोई शास्त्रोक्त व ज्योतिषीय आधार नहीं होता। यही वजह है कि करीब-करीब 99 फ़ीसदी दैनिक राशिफल का फलित असत्य निकलता है। जिन व्यक्तियों का फलित सही होता भी है वह उनकी निजी जन्मपत्रिका की ग्रहस्थितियों, दशाओं व ग्रह-गोचर का परिणाम होता है। आप निश्चित ही यह बात सुनकर चौंक जाएंगे। कुछ विद्वान इससे अपनी भिन्न राय भी रखेंगे किन्तु हम यहां आपके विचार हेतु कुछ तथ्य प्रस्तुत करना चाहते हैं जिनके अध्ययन से आप स्वयं दैनिक राशिफल की प्रामाणिकता का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
1. ग्रह गोचर----------------
ज्योतिष शास्त्र में फलित के लिए ग्रहस्थिति मुख्यरूपेण उत्तरदायी होती है, चाहे वह जन्मपत्रिका की ग्रहस्थिति हो या गोचर की। ज्योतिष के गोचर शास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर अर्थात् ग्रहों का राशि परिवर्तन प्रतिदिन नहीं होता। समस्त नौ ग्रहों के गोचर का अलग-अलग काल है जिनमें सूर्य,बुध,शुक्र लगभग 1 माह, मंगल 57 दिन, गुरू 1 वर्ष, राहु-केतु 1.5 (डेढ़) वर्ष, शनि ढाई (2.5) वर्ष में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। अब बात करें चन्द्रमा के गोचर की तो चन्द्रमा भी सवा दो दिन में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। इसका आशय यह हुआ कि सवा दो दिनों तक तो ग्रहस्थितियों में परिवर्तन नहीं होगा। यदि किसी ग्रह का गोचर हुआ भी तो अगले दिन से लेकर पुन: तीन दिनों तक वही स्थिति रहेगी, जो ग्रह जिस राशि में स्थित है उसी राशि में रहेगा तो ऐसे समान ग्रहस्थिति के आधार पर फलित प्रतिदिन कैसे परिवर्तित हो सकता है आप स्वयं सोचिए!
2. जन्मपत्रिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण-
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ज्योतिष शास्त्र में किसी जातक के फलित के लिए उसकी जन्मपत्रिका की लग्न कुण्डली को सर्वाधिक महत्ता प्रदान की गई है तत्पश्चात् नवमांश कुण्डली, उसके बाद वर्ग कुण्डली, फ़िर विंशोत्तरी दशाएं, उसके बाद योगिनी दशाएं और सबसे अन्त में गोचर को मान्यता दी गई है। जब गोचर को ही फलित करते समय सबसे अन्तिम पायदान पर रखा जाता है तो केवल चन्द्र के गोचर व नक्षत्र से दैनिक राशिफल निकालना कहां तक उचित व प्रामाणिक है।
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अब उपर्युक्त आधार पर क्या यह मान लिया जाए कि ज्योतिष शास्त्र में दैनिक राशिफल होता ही नहीं है; नहीं ऐसा कदापि नहीं है। दैनिक राशिफल भी ज्योतिष शास्त्र के अन्तर्गत ही आता है किन्तु वह प्रत्येक जातक का निजी होता है और उसका आधार प्रश्न कुण्डली व नष्टजातकम् पद्धति होता है। उस दैनिक राशिफल के लिए व्यक्ति को ज्योतिषी से प्रश्न करना होता है कि "मेरा आज का दिन कैसा रहेगा?" तब ज्योतिषी प्रश्न कुण्डली के आधार पर अथवा उस व्यक्ति से कोई अंक पूछकर उसके दिन के बारे गणना कर उस दिन का भविष्य संकेत उसे देता है। इस प्रकार का दैनिक राशिफल व्यक्तिगत होता ना कि सार्वजनिक। अत: हमारे मतानुसार समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनलों में प्रसारित-प्रकाशित होने वाले दैनिक राशिफल के फलित को गंभीरता से ना लेते हुए अपनी जन्मपत्रिका की ग्रहस्थितियों, दशाओं व अपनी राशि गोचर पर अधिक विश्वास करना चाहिए। यदि किसी दिन के बारे में जानना बहुत आवश्यक हो तो किसी विद्वान दैवज्ञ से प्रश्न कर इस सम्बन्ध में निर्णय करना अधिक श्रेयस्कर व लाभदायक रहता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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