"गजकेसरीसंजातस्तेजस्वी धनधान्यवान।
मेधावी गुणसंपन्नौ राज्यप्राप्तिकरो भवेत॥"
यदि चन्द्र से केन्द्र में गुरू स्थित हो तो "गजकेसरी योग" होता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य तेजस्वी,धन-धान्य से युक्त, मेधावी,गुण-संपन्न व राज्याधिकारी होता है।
मेधावी गुणसंपन्नौ राज्यप्राप्तिकरो भवेत॥"
यदि चन्द्र से केन्द्र में गुरू स्थित हो तो "गजकेसरी योग" होता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य तेजस्वी,धन-धान्य से युक्त, मेधावी,गुण-संपन्न व राज्याधिकारी होता है।
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