" केन्द्रे मूलत्रिकोणस्थ भाग्येशे परमोच्चगे।
लग्नाधिपे बलाढ्ये च लक्ष्मी योग ईरितिः॥
जब नवम का स्वामी केन्द्र या त्रिकोण में अपनी स्वराशि या उच्च राशि में स्थित हो और लग्नेश बलवान हो तो "लक्ष्मी योग" बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य विद्वान,धनवान व सब प्रकार के सुखों को भोगने वाला होता है।
लग्नाधिपे बलाढ्ये च लक्ष्मी योग ईरितिः॥
जब नवम का स्वामी केन्द्र या त्रिकोण में अपनी स्वराशि या उच्च राशि में स्थित हो और लग्नेश बलवान हो तो "लक्ष्मी योग" बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य विद्वान,धनवान व सब प्रकार के सुखों को भोगने वाला होता है।
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