"यस्य जन्मसमये शशिलग्नात,सद्ग्रहो यदि च कर्मणि संस्थः।
तस्य कीर्तिरमला भुवि तिष्ठेदायुषोऽन्तम्विनाशनसंपत"॥"
जब लग्न अथवा चन्द्र से दशम स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो "अमला योग" होता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य निर्मल कीर्ति वाला व धनवान होता है।
तस्य कीर्तिरमला भुवि तिष्ठेदायुषोऽन्तम्विनाशनसंपत"॥"
जब लग्न अथवा चन्द्र से दशम स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो "अमला योग" होता है। इस योग में जन्म लेने वाला मनुष्य निर्मल कीर्ति वाला व धनवान होता है।
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